अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव के कांग्रेस प्रत्याशी मंतूराम पवार ने अप्रत्याशित रूप से अपना नाम वापस ले लिया। इसके तत्काल बाद कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया। इसे कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इससे भाजपा को वाकओवर मिल गया है। मंतूराम के इस कदम को लेकर कांग्रेस के भीतर ही तरह-तरह की चर्चा चल रही है।
अंतागढ़ में 13 सितंबर को मतदान होगा और 16 सितंबर को मतगणना के बाद परिणाम घोषित किया जाएगा। उधर मंतूराम ने भाजपा नेताओं से संपर्क साधा है। इससे उनका भाजपा प्रवेश होने की चर्चा भी है। श्री पवार की नाम वापसी की पुष्टि कलेक्टर अलरमेल मंगई डी ने की है। सूत्र बताते हैं कि श्री पवार पिछले कुछ दिनों से कुछ मध्यस्थों के जरिए भाजपा के कुछ प्रभावशाली लोगों के संपर्क में थे ।
बताया जा रहा कि मंतूराम पवार गुरुवार की रात तक शुक्रवार को होने वाली बैठक में शामिल होने की पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन अगले ही दिन उन्होंने अचानक नाम वापस ले लिया। यह मामला अब पार्टी हाईकमान तक पहुंच गया है और पार्टी जल्द ही पूरे मामले को लेकर कोई बड़ी
कार्रवाई कर सकती है।
अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने श्री पवार से लंबी चर्चा की थी । पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से भी चर्चा की गई थी। उसके बाद ही श्री पवार को विश्वास में लेकर उनका नाम पार्टी हाईकमान को भेजा था। इसके बाद
हाईकमान ने श्री पवार को प्रत्याशी घोषित किया ।
इस पर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा था कि जब श्री पवार तीन बार चुनाव हार चुके हैं, ऐसे
में उन्हें प्रत्याशी बनाया जाना ठीक नहीं है। हालांकि प्रत्याशी घोषित होने के बाद श्री पवार ने भी भाजपा के खिलाफ पूरे दमखम से चुनाव लड़ने का
दावा किया था। इस मामले में प्रदेश महामंत्री शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि सारी गुटबाजी को दरकिनार कर, कार्यकर्ताओं से रायशुमारी कर मंतूराम पवार को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया था।
उनका मैदान छोड़ना लोकतंत्र की हत्या है। पूरे देश के चुनाव परिणाम कांग्रेस के पक्ष में आ रहे थे और यही वजह है कि भाजपा जनता की अदालत में जाने से डर गई।
कांकेर पहुंचे भूपेश
मंतूराम पवार की नाम वापसी की सूचना मिलने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल कांकेर पहुंच गए हैं। श्री बघेल पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से रायशुमारी कर इस मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। वहीं किसी निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन करने के मुद्दे पर भी सभी से राय लेंगे।
अमीन ने की थी मुलाकात
सूत्र बताते हैं कि कांकेर के युवक कांग्रेस नेता एवं जोगी के कट्टर समर्थक अमीन मेमन ने मंतूराम पवार से सुबह 9 बजे अकेले मुलाकात की थी। इस संबंध में अमीन मेमन ने 'नईदुनिया" से कहा कि उन्होंने चुनाव सामग्री तैयार करने को लेकर चर्चा की थी और सामग्री के लिए 50 हजार रुपए लिए थे।
इस राशि से उन्होंने केशकाल में चुनाव सामग्री बनाने का आर्डर दिया है। उन्होंने कहा कि श्री पवार उसके बाद वहां से चले गए। उनका कहना है कि श्री पवार कहां हैं और उन्होंने नामांकन वापस क्यों लिया, इसकी कोई जानकारी नहीं है।
लंबी चर्चा के बाद प्रत्याशी तय किया गया था। मंतूराम पवार के इस फैसले से काफी दुख हुआ है। किसे समर्थन देना है, इस पर पार्टी चर्चा करेगी। - टीएस सिंहदेव, नेता प्रतिपक्ष, छत्तीसगढ़
अंतागढ़ में 13 सितंबर को मतदान होगा और 16 सितंबर को मतगणना के बाद परिणाम घोषित किया जाएगा। उधर मंतूराम ने भाजपा नेताओं से संपर्क साधा है। इससे उनका भाजपा प्रवेश होने की चर्चा भी है। श्री पवार की नाम वापसी की पुष्टि कलेक्टर अलरमेल मंगई डी ने की है। सूत्र बताते हैं कि श्री पवार पिछले कुछ दिनों से कुछ मध्यस्थों के जरिए भाजपा के कुछ प्रभावशाली लोगों के संपर्क में थे ।
बताया जा रहा कि मंतूराम पवार गुरुवार की रात तक शुक्रवार को होने वाली बैठक में शामिल होने की पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन अगले ही दिन उन्होंने अचानक नाम वापस ले लिया। यह मामला अब पार्टी हाईकमान तक पहुंच गया है और पार्टी जल्द ही पूरे मामले को लेकर कोई बड़ी
कार्रवाई कर सकती है।
अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने श्री पवार से लंबी चर्चा की थी । पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से भी चर्चा की गई थी। उसके बाद ही श्री पवार को विश्वास में लेकर उनका नाम पार्टी हाईकमान को भेजा था। इसके बाद
हाईकमान ने श्री पवार को प्रत्याशी घोषित किया ।
इस पर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा था कि जब श्री पवार तीन बार चुनाव हार चुके हैं, ऐसे
में उन्हें प्रत्याशी बनाया जाना ठीक नहीं है। हालांकि प्रत्याशी घोषित होने के बाद श्री पवार ने भी भाजपा के खिलाफ पूरे दमखम से चुनाव लड़ने का
दावा किया था। इस मामले में प्रदेश महामंत्री शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि सारी गुटबाजी को दरकिनार कर, कार्यकर्ताओं से रायशुमारी कर मंतूराम पवार को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया था।
उनका मैदान छोड़ना लोकतंत्र की हत्या है। पूरे देश के चुनाव परिणाम कांग्रेस के पक्ष में आ रहे थे और यही वजह है कि भाजपा जनता की अदालत में जाने से डर गई।
कांकेर पहुंचे भूपेश
मंतूराम पवार की नाम वापसी की सूचना मिलने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल कांकेर पहुंच गए हैं। श्री बघेल पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से रायशुमारी कर इस मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। वहीं किसी निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन करने के मुद्दे पर भी सभी से राय लेंगे।
अमीन ने की थी मुलाकात
सूत्र बताते हैं कि कांकेर के युवक कांग्रेस नेता एवं जोगी के कट्टर समर्थक अमीन मेमन ने मंतूराम पवार से सुबह 9 बजे अकेले मुलाकात की थी। इस संबंध में अमीन मेमन ने 'नईदुनिया" से कहा कि उन्होंने चुनाव सामग्री तैयार करने को लेकर चर्चा की थी और सामग्री के लिए 50 हजार रुपए लिए थे।
इस राशि से उन्होंने केशकाल में चुनाव सामग्री बनाने का आर्डर दिया है। उन्होंने कहा कि श्री पवार उसके बाद वहां से चले गए। उनका कहना है कि श्री पवार कहां हैं और उन्होंने नामांकन वापस क्यों लिया, इसकी कोई जानकारी नहीं है।
लंबी चर्चा के बाद प्रत्याशी तय किया गया था। मंतूराम पवार के इस फैसले से काफी दुख हुआ है। किसे समर्थन देना है, इस पर पार्टी चर्चा करेगी। - टीएस सिंहदेव, नेता प्रतिपक्ष, छत्तीसगढ़
Source: Chhattisgarh News & MP Hindi News
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