लोन की मांग कम होने के बाद निजी क्षेत्र के बैंकों ने बिजनेस बढ़ाने का दूसरा तरीका अपना लिया है। अब नई कार खरीदने के लिए पूरी रकम उधार मिलने लगी है।
ऐक्सिस बैंक और एचडीएफसी बैंक नई कार खरीदने के लिए पूरा पैसा उधार दे रहे हैं। प्राइवेट बैंकों की इस पहल से कार बाजार की रफ्तार बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। दूसरी तरफ लोन बांटने के इस तरीके की आलोचना भी हो रही है। कहा जा रहा है कि इससे बैड लोन की समस्या बढ़ सकती है।
बहरहाल, कोटक महिंद्रा बैंक 95 प्रतिशत ऑटो लोन की पेशकश कर रहा है। कुछ बैंककार इन्श्योरेंस का खर्चा भी उठाने के लिए तैयार हैं। बैंकों का यह ऑफर भले ही ग्राहकों और कार कंपनियों के लिए अच्छा हो, लेकिन यह जोखिम वाला सौदा है। कार खरीदने के साथ ही उसकी कीमत कम हो जाती है, जबकि आदर्श स्थिति में एसेट की कीमत लोन की रकम से ज्यादा होनी चाहिए।
इंडसइंड बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ रोमेश सोबती ने बताया, 'पहले होम लोन बाजार में ऐसा हुआ था और अब यही पागलपन कार मार्केट में भी हो रहा है।'
सोबती ने कहा कि मकान के दाम कम होने की वजह से अमेरिका में सब-प्राइम संकट खड़ा हो गया था। 100 प्रतिशत ऑटो लोन देने से इस बाजार में भी गैर-वाजिब तेजी आ सकती है। इंडसइंड बैंक 70 प्रतिशत ऑटो लोन देता है। सोबती ने कहा, 'लोन उतना ही देना चाहिए, जिससे ग्राहक को भी कुछ पैसा लगाना पड़े।'
Source: Automobile News
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